Saturday 21 January 2017

रंगीले गिरगिट का प्यार


काले मटमैले बादलों के बीच
जब एक शाम को_
चमकीली चाँद आसमाँ की सैर पर निकली
तब उसकी खूबसूरती को देखकर
रंगीले गिरगिट की नज़र फिसली_
तभी उसकी लंबी सी जीभ में फंस गया
उसके इकलौते गिटार का तार
अरे रंगीले गिरगिट को तो हो गया_
चमकीली चाँद से प्यार

तार और जीभ की उलझन को_
अरे तार और जीभ की उलझन को सुलझाने में
टूट गयी उसके गिटार की वो तार
और हो गई उसकी जीभ तार तार
अब कैसे करेगा?
रंगीला चमकीली से अपने प्यार का इज़हार..!
अब तो रंगीली भी जा चुकी थी आसमाँ से यार
बादलों के भी उस पार_
अरे रंगीले गिरगिट को तो हो गया
चमकीली चाँद से प्यार

अगली शाम को चाँद को करने को impress
गिरगिट ने बनाया एक नया भेस
पहने नये जूते और लगाई सिर पर Hat
 लेके inspiration from Puss the Cat
और उसके जूते भी थे कुछ  ऐसे रंगीले
जो बदल सकते थे रंग उसकी तरह_
लाल, हरे, पीले, नीले
साथ में लगाई कमर  में एक Gun Toy
जैसे दिखता हो वो Cowboy
करने लगा सज-धज के इंतज़ार वो बेसब्री से
किंतु आज़ चाँद सैर पर निकली कुछ देरी से
देखकर चमकीली को वह बोला खुद से
आज़ करूँगा मैं चमकीली से अपने प्यार का इज़हार
फ़िर मेरे जीवन में भी आ जाएगी बहार
अरे मुझको तो हो गया है
चमकीली चाँद से प्यार

दो कदम चलने पर ही
उन जूतों ने रंगीले गिरगिट को काटा
जिनकी making कंपनी थी काँटा 
दर्द की कराह में रंगीला चिल्लाया
इन जूतों को कोई निकालो_ ओ भाया
तब चंचल चकोर दौड़कर आया
निकाले उसके जूते और मरहम लगाया

चमकीली चाँद यह सब देख रही थी_ होकर बैचेन
तभी चंचल चकोर से लड़ गए उसके नैन
निहारते रहे एकटक दूसरे को
वे तो सारी-सारी रैन

देखकर यह सब रंगीला गिरगिट गुर्राया
इतना सज-धज के भी हाथ उसके कुछ ना आया
अब कैसे चुकाएगा वो शॉपिंग बिल का बकाया?
यह सोच-सोच कर वह पछताया

बजाता है अब वह अपनी जीभ के तारों से गिटार
जिससे चल रही है उसकी रोज़ी-रोटी 
और चूक रहा है उधार
अरे रंगीले गिरगिट को तो हो गया है प्यार..!

                                                                                          -निकिता पोरवाल (iCosmicDust)




Friday 13 January 2017

सूरज डूबा समंदर में (Fun Fantasy Song)


सूरज डूबा समंदर में 
खाने को मछलियाँ 
छोटी-बड़ी, रंग-बिरंगी,
खूबसूरत सी मछलियाँ 

उसे लगती थी स्वादिष्ट 
जिस समुद्र की ये मछलियाँ 
उसी समुद्र से छुप-छुप के 
खाता था वह मछलियाँ 

एक दिन_
 एक दिन उसने एक मछली खा ली 
जो कि थी एक शार्क की घरवाली 
देखा यह जब  शार्क ने 
तो वह गुस्से से उबला 
और उसने शपथ ली 
कि लेके रहेगा बदला 

मछलियाँ खाने जब सूरज 
अगली रोज़ रात को आया 
तो शार्क ने एक ख़ूबसूरत सी 
गोल-मटोल मछली का जाल बिछाया 
मछली को देख सूरज ललचाया 
देखा जिसे समुद्र ने 
और उसको कैदी  बनाया 

दो दिन तक जब सूरज वापस नही आया 
तो बादलों ने उसका पता लगवाया 
कि किसने सूरज को  किडनैप करवाया
तब उन्हें चाँद ने बताई ये बात 
कि समुद्र ने बनाया सूरज को कैदी 
और मारी मारी दो लात 
क्यूंकि वह तो डूबा था समंदर में 
खाने को मछलियाँ 
छोटी-मोटी, रंग-बिरंगी 
खूबसूरत सी मछलियाँ 

पाकर पता सूरज का 
ज़ोर-ज़ोर से गरज़े और बरसे बादल 
और गिराई समंदर पर बिजलियाँ 
कि सूरज को क्यूँ तुमने किडनैप किया?
वह तो है इस दुनिया का इकलौता दीया 
बोला समुद्र 
सूरज ने खाई मेरी मछलियाँ 
बुझा दूंगा मैं तुम्हारा 
वह रौशनी का दीया 
फिर कोई हिम्मत नहीं करेगा 
खाने की मेरी मछलियाँ 
सीधी-सादी, खूबसूरत सी 
प्यारी-प्यारी मछलियाँ 

बोले बादल हो गई है गलती उससे 
दे दो उसको माफ़ी 
रोज़ रात को बना लेना कैदी 
क्या इतना नहीं है काफी?

बादलों की विनती पर 
समंदर का मन पिघला 
और तीसरे दिन सूरज 
फिर से निकला 
बदहज़मी कर गई उसको खाना मछलियाँ 
समुद्र का कैदी है वह इकलौता दीया 
जहाँ उसे ठंडी बर्फ चलाती है गुदगुदियाँ 
अब भूल चूका है वह खाना मछलियाँ 
जान से ज्यादा ख़तरनाक़ साबित हो गई 
उसको वह ख़ूबसूरत सी स्वादिष्ट मछलियाँ _ _!

                                                 -निकिता पोरवाल (iCosmicDust)





Thursday 12 January 2017

Moon on Holiday (Fun Fantasy song)

अपनी Daily की Duty से ऊबकर
आज़ चाँद निकला है Holiday पर
अपने सारे कपड़े_ अपने 16 जोड़ी कपड़े Pack कर
आज़ चाँद निकला है Holiday पर

वह ये नौकरी करता था
क्योंकि वो पृथ्वी पर मरता था
लेकिन_इतने सारे चक्कर खाकर
भी चला ना जब कोई चक्कर
तो वह चूर-चूर हो गया थककर
अब आने लगे उसे चक्कर पे चक्कर
तब चाँद निकला है Holiday पर

उसने सोचा नौकरी छोड़ Universe Tour पर जाऊँगा
और पृथ्वी से ज्यादा सुन्दर ग्रहों से अपना चक्कर चलाऊंगा
दिखाऊंगा अपने अलग-अलग रूप और लड़ाउंगा उनसे नैन
जिससे वो सब हो जाएंगी मेरी Fan
फिर वो सब मिलकर लगाएंगी मेरे चक्कर
आज़ चाँद निकल चुका है Holiday पर

घुमा उसने पूरा ब्रह्माण्ड बनकर रंगीला
कई तारों, ग्रहों,मंदाकिनियों व उल्काओं से भी मिला
बाल-बाल बचा जब निगलने वाला था Black Hole
लेकिन उसकी Body में हो गए छोटे-छोटे Hole
वो चूर-चूर हो गया थककर
और  खाने लगा चक्कर के अंदर चक्कर
चाँद जो निकला था Holiday पर

आगे चलकर उसको मिले चार Pirate Comet
जिन्होंने उसे नचाया जैसे कि हो Puppet
फ़िर खेला उसको निशाना बनाकर तीरंदाज़ी का ख़ेल
और डाल दी उसकी नाक में नकेल
लूट लिया उसको पूरा बेहाल कर
जैसे निकला हो वह Holiday नहीं बल्कि संन्यास पर
चाँद जो निकला था Holiday पर
आ गया याद उसको अब अपना घर

अब उसे पता चला कि वो था कितना Fool
नहीं है इस Universe में पृथ्वी जैसी Beautiful
आ गया लौटकर पसीने से तरबतर
चाँद जो निकला था Holiday पर

अपनी पुरानी Duty फिर से Join कर
रिझाने लगा पृथ्वी को वो घनचक्कर
और दोबारा लगाने लगा चक्कर पे चक्कर
और भी सुन्दर-सुन्दर कपड़े पहनकर_ _!

                                                   -निकिता पोरवाल (iCosmicDust )





Wednesday 11 January 2017

Black Scientist Bat (Fun Fantasy Song)

Prolouge:
Since this a fantasy song, the Bat in this song is a scientist and his home looks like a tiny pea which actually justify the concept of bigger inside..! so please read this song as a child imagination with not any kind of logic. HAVE FUN..!!


मटर के अंदर चमगादड़ का घर
जिसको खा गया एक कबूतर
मटर के अंदर चमगादड़ का घर
जिसको खा गया एक कबूतर

शाम को आया जब चमगादड़ लौटकर
नहीं मिला कही भी उसको अपना घर
घर को ढूंढता रहा रात भर
तब टिड्डा उससे बोला, मत भटक दर-ब-दर
तेरे घर को खा गया कबूतर
जो सोया है सामने वाले पेड़ पर
जब तक चमगादड़ पहुँचा वहाँ पर
तब तक कबूतर हो चुका था रफ़ुचक्कर
क्योंकि वो तो निकला था World Tour पर

मटर के अंदर चमगादड़ का घर
जिसको खा गया एक कबूतर

कबूतर ने गिराया समंदर पर वो मटर
जिससे हो गया पूरा काला समंदर
उधर चमगादड़ उसे ढूंढ-ढूंढ कर परेशान
पर नहीं मिला उसको कोई नामोनिशान
तब उल्लू उससे बोला, क्यूँ  होता है परेशान?
इतनी देर में मिल जाएगा दूसरा मकान
चमगादड़ बोला, अबे उल्लू, घर की किसको पड़ी है?
उसके अंदर रह गई Black Ink की पुड़ी है
जो कि अगर खुल गई तो आ जाएगा कहर


मैंने किया था एक temporary experiment
जो कि हो गया permanent
अगर वह पुड़ी खुल गई काली
तो फिर नहीं बचेगी तेरे गालों की लाली
न नीली, न पीली, न हरी सिर्फ़ काली
ये पूरी दुनिया हो जाएगी काली
बोला उल्लू, अबे कल्लू, तूने ऐसा किया क्यूँ?
हरी, पीली, लाल, नीली, रंग-बिरंगी ये दुनिया
भाती नहीं तुझे क्यूँ ?
हाँ मैंने ऐसा किया सुन बे उल्लू
क्यूंकि सब चिड़ाते है मुझे कल्लू
अब दिन के चार पहर हो या रात के पहर
नहीं रहा इनमें कोई भी अंतर
क्यूंकि हर जगह छा गया Black Ink का कहर
मटर के अंदर चमगादड़ का घर
जिसको खा गया एक कबूतर
साथ में लगाकर Double Cheese & Butter..!