Wednesday 25 November 2015

स्मृति वृक्ष


स्मृतियों का एक वृक्ष है 
जो कभी बूढ़ा नहीं होता 
मनुष्य बूढ़ा होता जाता है 
किन्तु स्मृतियों का वृक्ष _ उतना ही तरूण होता जाता है _ 
जिस पर अक्षर रूपी फल पकने लगते है _ _
और उनमें से कुछ कच्चे, कुछ अधपके, और पके से _ 
मन की भूमि पर _ गिरने लगते है 
जिन्हें एकत्र कर लेखक 
कलम में _ 
स्याही की तरह भर देता है 
और कहानियों, कविताओं व उपन्यासों की पुस्तकों में 
फ़ैलाकर _ अलंकृत कर देता है 
जिनको पढ़कर पाठकों के स्मृति वृक्ष पर बैठी _ 
भाव कोकिला _ _
नादन करने लगती है 
जिसकी मधुर तरंगों से 
स्मृतियों का वह वृक्ष _ 
और अधिक तरूण हो जाता है _ _ _





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